अमेरिका भारत के मदद के लिए आगे आया
दोस्तों भारत और अमेरिका के बीच आज के समय में गहरी दोस्ती है आज लगभग हर मोर्चे पर अमेरिका भारत के साथ खड़ा होता है
चाइना के लिए सबसे बड़े दुश्मन और सबसे बड़ा दिक्कत अमेरिका और भारत ही है चाइना चाह कर भी भारत और अमेरिका से युद्ध नहीं लड़ सकता क्योंकि अगर वह ऐसा करता है तो चाइना को भी पता है उसे हार का ही सामना करना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका हमेशा से ही चाइना से ज्यादा ताकतवर था और है
भारत भी पहले जैसा नहीं रहा आज भारत के पास भी न्यूक्लियर बम एडवांस टेक्नोलॉजी वेपंस मिसाइल नेवी शिप्स आधुनिक हत्यारे आदि वह लगभग हर चीज मौजूद है जो चाइना के पास है सिर्फ एक बोमबर लड़ाकू विमान ही भारत के पास आज के समय में नहीं है
गलवान घाटी हिंसा के बाद से ही भारत और चीन के बीच बेहद तनाव की स्थिति चल रही है आज के समय में भी दोनों तरफ से सीमा पर 50000 सैनिकों से ज्यादा तैनात हैं हाल ही में चाइना के एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चाइना ने भारत चाइना बॉर्डर पर करीब 10 यूनिट मिसाइल यानी करीब 100 मिसाइल तैनात कर दी है चाइना ने
यह भारत के लिए चिंता का विषय है भारत भी चाइना के खिलाफ अपनी कई सारे मिसाइल सिस्टम बॉर्डर पर तैनात कर दिया है
चाइना के इस करतूत के बाद ऐसा लग रहा है कि सर्दियों में चाइना कुछ तो बड़ा करने वाला है भारत के खिलाफ क्योंकि चाइनीस आर्मी इतनी एक्टिव कभी भी बॉर्डर पर नहीं थी इसलिए भारत अमेरिका से मदद मांगी है
चाइना के खिलाफ अमेरिका हमेशा से ही भारत की मदद की है आप लोग को तो पता ही होगा कि गलवान घाटी हिंसा के बाद अमेरिका ने अपना सबसे घातक बोमबर B2 बोमबर भेजा था जो चाइना का होश उड़ा दिया था क्योंकि B2 बोमबर ने एक ही उड़ान में अमेरिका से आया और चाइना की बॉर्डर पर गश्त लगा कर वापस अमेरिका चला गया जो बहुत ही बड़ी बात है किसी भी लड़ाकू विमान के लिए इतने देर तक उड़ना संभव नहीं होता लेकिन B2 बोमबर ने ऐसा कर दिया जिसके बाद से चाइना की रातों की नींद उड़ गई थी
अमेरिका भारत के मदद के लिए आगे आया
अब अमेरिका ने फिर से भारत के मदद के लिए अपना दूसरा सबसे ताकतवर बोमबर भेज दिया है B1 लेंसर बोमबर जो अमेरिका के डिएगो गार्सिया सैन्य बेस जो इंडियन ओसियन में है वहां पर तैनात कर दिया है अमेरिका का यह बोमबर चाइना के बोमबर से 5 गुना ताकतवर है B1 लेंसर बोमबर न्यूक्लियर मिसाइल भी ले जाने के लिए सक्षम है
अमेरिका ने 17 अक्टूबर को इस बोमबर को अपने सैन्य बेस पर भेज दिया था इसकी जानकारी ऑफिशियल तौर पर 20 अक्टूबर को दी गई जिसके बाद से यह खबर चाइना के मीडिया हाउसेस में आग की तरह फैल गई चाइना की
सरकार बेहद चिंतित है अमेरिका के इस यमदूत के आ जाने से
वहीं भारतीय सरकार अमेरिकन एयर फोर्स के साथ युद्ध अभ्यास समय-समय पर करती आ रही है
उम्मीद करते हैं चाइना अभी भी सुधर जाए क्योंकि चाइना की दाल नहीं गलने वाली भारतीय सीमा पर क्योंकि अब अमेरिका भी भारत की मदद करने के लिए सीरियस हो चुका है अमेरिका के रक्षा मंत्री ने भारत को भरोसा दिलाया है कि भारत के साथ अमेरिका हर मोर्चे पर खड़ा है चाइना के खिलाफ
और भी अपडेट्स जल्दी ही आएंगे… ..
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